Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
बृहस्पतिदेव की कथा
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन Shiv chaisa क्षयकारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित more info अनुपा॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन Shiv chaisa को मारो ।